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Underground Cable Network

Underground Cables Network : समुद्र की गहराइयों में फैला है इंटरनेट केबल्स का जाल, क्या होगा अगर उसे शार्क खा ले या पनडुब्बी से कट जाए?

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Underground Cables Network: पिछले ही दिनों आर्कटिक महासागर में पनडुब्बी और युद्धपोत के टक्कर के बाद ब्रिटेन ने रूस को युद्ध की धमकी दी थी। ब्रिटेन ने कहा था कि अगर पानी की गहराइयों में बिछी Communication cable को काटा तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। आखिर पानी के नीचे बिछी केबल (Underwater cables) को लेकर इतना क्यों चिंतित है ब्रिटेन। समझिए पानी के नीचे बिछे केबल्स के इन जाल की कितनी है अहमियत और अगर वह सबमरीन से टूट जाएं या कोई शार्क उन्हें खा ले (What happen if sharks bite underground cables) तो इससे क्या हो सकता है।

Underground Cables Network: समुद्र की गहराइयों में फैला है Internet cables का जाल, क्या होगा अगर उसे शार्क खा ले या पनडुब्बी से कट जाए?

Underground Cables Network: हाल ही में Arctic Ocean में पनडुब्बी और युद्धपोत के टक्कर के बाद ब्रिटेन ने रूस को युद्ध की धमकी दी थी। ब्रिटेन के Chief of Defense Staff Admiral Sir Tony Redkin ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस ने पानी के भीतर महत्वपूर्ण कम्युनिकेशन केबल्स (Underwater cables) को काटा तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। उन्होंने कहा था कि Russia ने Last 20 years में submarines and water के नीचे की गतिविधियों में अभूतपूर्व इजाफा किया है, जिससे पूरी दुनिया का Real Time Communication System जोखिम में पड़ सकता है। जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है। दरअसल, समुद्र के अंदर पड़ी केबल्स के जरिए ही पूरी दुनिया में इंटरनेट चलता है और उन्हीं से कम्युनिकेशन होता है। आइए जानते हैं समुद्र के अंदर बिछे केबल्स के इस जाल के बारे में (Underground Cables amazing facts) और समझते हैं ये कैसे करता है काम (how underwater cables works)। साथ ही ये भी समझते हैं कि अगर ये केबल्स सबमरीन से टूट जाएं या कोई शार्क उन्हें खा ले (What happen if sharks bite underground cables) तो इससे क्या हो सकता है।

समुद्री जीवों से इन केबल्स को होता है खतरा!

समुद्र के नीचे बिछी इन cables को सबसे ज्यादा खतरा तो प्राकृतिक आपदाओं से होता है। वहीं इन cables को समुद्री जीवों से भी खतरा होता है, लेकिन इसके लिए तमाम उपाय भी किए जाते हैं। high pressure water jet technology के जरिए इन केबल को समुद्र की सतह के अंदर गाड़ दिया जाता है, ताकि कोई समुद्री जीव या सबमरीन इन्हें नुकसान ना पहुंचा सके। कई बार समुद्री शार्कों ने इन केबल्स को चबाने की कोशिश की है। इसके बाद केबल्स के ऊपर शार्क-प्रूफ वायर रैपर लगाना शुरू किया गया। इन केबल्स को समुद्र के अंदर गहराइयों में अत्याधिक गतिविधियां करने से भी नुकसान पहुंच सकता है।
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तो क्या एक Cable कटते ही कट जाएगा दुनिया से संपर्क?

ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक Cable कटने की वजह से ही Communication कट जाए, क्योंकि compinies के पास एक cable के बदले दूसरे cables का backup भी रहता है। हालांकि, इससे Communication and Internet की स्पीड पर काफी असर पड़ता है। 2016 में तमिलनाडु में आए साइक्लोन वरदा ने समुद्र के नीचे बिछे इंटरनेट केबल्स को नुकसान पहुंचाया था, जिससे देश के कुछ हिस्सों में एयरटेल नेटवर्क की इंटरनेट स्पीड स्लो हो गई थी। कंपनी ने ग्राहकों को इस बारे में सूचना भेजी थी। 2013 में कुछ शरारती तैराकों ने यूरोप और अमेरिका से इजिप्ट पहुंचने वाले चार केबल्स को काट दिया था। इससे पूरे इजिप्ट की इंटरनेट स्पीड 60 फीसदी धीमी हो गई थी। केबल कहां से कटा इसका पता लगाने के लिए रोबोट्स को भेजा जाता है। एक केबल का जीवनकाल करीब 25 साल होता है। कुछ वक्त की परेशानी के बाद केबल को दुरुस्त कर लिया जाता है।

हजारों मीटर नीचे बिछा है Internet Cables का जाल

इंटरनेट कनेक्शन के लिए हम अपने चारों ओर जो केबल्स और तमाम तरह बॉक्स का जाल देखते हैं, वह पूरी दुनिया को कनेक्ट करने का महज एक छोटा सा हिस्सा है। इंटरनेट कनेक्शन, स्पीड और डेटा ट्रांसफर का असली जाल तो समुद्र में हजारों मीटर नीचे बिछा हुआ है। यह जाल पूरी दुनिया को एक-दूसरे से कनेक्ट करता है। 

कितना बड़ा है Cables का जाल, इन्हें कैसे बिछाते हैं?

समुद्र के नीचे इन Cables का एक बड़ा जाल बिछा है। 99% दुनिया में Communication and data transfer समुद्र के नीचे बिछी communication cables के जरिए ही होता है। इन cables को Submarine communications cable कहते हैं। अभी समुद्र के नीचे करीब 426 Submarines cables हैं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 13 लाख किलोमीटर है। Google, Microsoft and Facebook जैसी बड़ी Internet companies इन्हें बिछाती हैं। तमाम telecom providers भी इसकी funding के हिस्सेदार होते हैं।
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कैसे बिछाई जाती हैं ये Cables?

ये Cables हजारों Kilometers लंबे होते हैं और Everest (8,848 मीटर) जितनी गहराई से भी अधिक नीचे बिछे होते हैं। इन्हें एक खास नाव- ‘cable layers’ के जरिए समुद्र की सतह पर बिछाया जाता है। 100-200 kilometer cable ही आमतौर पर एक दिन में बिछाए जाते हैं। इनकी चौड़ाई 17 milimeter के आसपास होती है। Satellite system की तुलना Submarine Optical Fiber Cable Data Transfer के लिए काफी सस्ते पड़ते हैं। इनका Network भी ज्यादा फास्ट होता है।

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