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Mouse Kya Hai? Mouse के बारें में विस्तार से जानिए?

Table of Contents

What is Mouse ? Know Mouse in Details in Hindi?

 Mouse Kya Hai
MOUSE
Mouse Kya Hai – Mouse एक Input Device है, जिसका वास्तविक नाम Pointing Device है। इसका Use मुख्यत: Computer Screen पर Items को चुनने, उनकी तरफ जाने तथा उन्हे Open and Close करने में किया जाता है। Mouse के द्वाराा User Computer को निर्देश देता है।

History of Mouse

Douglas Engelbart ने 1960 में जब Computer Mouse का आविष्कार किया था, तब उन्होंने उसे लकड़ी से बनाया था। Engelbart का पिछले दिनों निधन हो गया, लेकिन, अब तक के सफर में Mouse ने तमाम पड़ाव पार कर लिए हैं।
यह अब Wireless भी हो गया है। आइए जानें Computer Mouse के कुछ दिलचस्प तथ्य जिस समय 1960 में Engelbart ने Mouse का अविष्कार किया था, उस समय बड़े-बड़े कमरों के बराबर Computer होते थे, इन मशीनों में Punch Card द्वारा Data भरे जाते थे।
1963 में बिल इंग्लिश ने Douglas के sketches के आधार पर लकड़ी का Mouse बनाया, जिसे चलाने के लिए दो पहियों का Use किया। ‘ Douglas ने 1968 में San Francisco के Computer Conference में Mouse का पहला demonstration दिया। जैक हॉली और बिल इंग्लिश डगलस के इस काम से बहुत प्रभावित थे।
उन्होंने उसी के आधार पर पहला Digital Mouse 1972 में जीरॉक्स पार्क डिजाइन किया। इस Mouse में analog-to-digital में Convert करने की जरूरत नहीं होती थी, यह सीधे Information Computer को भेजता था। इसी Mouse में पहली बार metal की Mouse Ball लगाई गई।
1970 में Douglas Engelbart ने Mouse का patent कराया था, उनके Name Mouse के अलावा 45 और आविष्कारों का patent है। शुरुआत में Mouse को ‘Bug’ नाम से जाना जाता था, लेकिन इसे Mouse इसलिए कहा गया, क्योंकि Stanford Research Institute में विकसित किए गए Mouse का आकार बिल्कुल चूहे की तरह था।
Douglas के प्रदर्शन के करीब बीस साल बाद 1981 में Mouse इस्तेमाल के लिए Market में आया, जिसमें Boll और दो Button होते थे। Xerox Star 8010 Personal Computer के साथ इसे बेचा गया। उस समय इस Computer की कीमत थी 16000 Doller.
Mouse की बॉल का अविष्कार बिल इंग्लिश ने 1970 में किया था। Microsoft ने पहली बार 1983 में Mouse की बिक्री शुरू की। 1991 में Logitech ने दुनिया का पहला Wireless Mouse पेश किया, जिसमें Radio Frequency Transmission का Use किया गया।
2004 में Logitech Company ने पहला Laser Mouse Market में उतारा था। इस Mouse की Speed Optical Mouse से 20 गुना ज्यादा थी। Mouse की Speed को Mickey Unit में गिना जाता है। एक Mickey एक Inch का 200वां हिस्सा होता है। इसे EnglishGermanFrench, Russian, ItalianSpanish सहित अनेक भाषाओं में Mouse के नाम से ही जाना जाता है।

कौन थे Douglas Engelbart?

डगलस एंजेलबर्ट
Douglas Engelbart (डग) सिर्फ Mouse के ही जन्मदाता नहीं, बल्कि E-Mail, Word Processing और Teleconferencing पर भी शुरुआती काम किया था। उनका जन्म 30 January 1925 को Oregon के पास Portland में हुआ था।
उनके पिता Radio Mechanic और मां Housewife थीं। उन्होंने Electrical engineering की Degree लेने के बाद दूसरे विश्वयुद्ध में Radar Technician के रूप में काम किया।
इसके बाद वे नासा की संस्था नाका में Electrical engineering के पद पर काम करने लगे। जल्द ही वह Job छोड़कर doctorate की उपाधि के लिए Berkeley स्थित University of California चले गए।
बाद में उन्होंने Augmentation शोध केन्द्र के नाम से अपनी प्रयोगशाला स्थापित की। उनकी प्रयोगशाला ने एआरपीएनेट के विकास में सहयोग किया़, जिसने आगे चलकर Internet का रूप लिया।
उन्हें 1997 में Lemelson-MIT पुरस्कार मिला और साल 2000 में personal computing की बुनियाद तैयार करने के लिए The National Medal of Technology से नवाजा गया।

Mouse की खोज

Computer Mouse को Computer के युग की एक अदभुत खोज मानी जाती है क्योकि Computer Mouse की खोज के साथ ही एक नये Computer युग की शुरुआत हुई।
Computer Mouse की खोज Douglas Engelbart ने Bill English की सहायता से सन 1960 के दौरान की तथा 1970 को इसका पेटेंट कराया गया। जब Douglas Engelbart  ने Mouse की खोज की थी उस समय डगलस स्टेनफोर्ड रिसर्च इंस्टिट्यूट (Stanford Research Institute) में कार्य कर रहे थे।
सर्वप्रथम Mouse को मूल रूप से “एक प्रदर्शन प्रणाली के लिए XY स्थिति संकेतक” (X-Y Position Indicator for a Display System”) भेजा गया  था। तथा Mouse का पहली पर प्रयोग 1973 में Xerox Alto Computer System के साथ में किया गया था।
Douglas का ये Mouse Alto computer पर  Curser को हिलाने मे सक्षम था। पहले Mouse का Use सबसे पहले Apple Lisa computer पर किया गया था। इस प्रथम Mouse की जानकारी आज भी New Mexico के संग्रालय में सुरक्षित है।
Computer Mouse का Example है ये Mouse लकड़ी का बनाया गया था जैसा की आप चित्र में देख सकते है। ये Mouse आज के आधुनिक Mouse से कई गुणा बड़ा था। और इस Mouse के Right Side वाले कोने पर एक Button था।
Mouse की खोज

Mouse का परिचय 

Mouse एक Input Device है जो हमें Computer से जोड़ती है इसे Pointing Device के नाम से जाना जाता है Mouse का आविष्कार Douglas C. Engelburt ने 1968 में किया था।
जब हम Computer को On करते हैं तो आपको Mouse का Cursor Computer Screen पर तीर के समान दिखाई देता है इस Mouse के Pointing को हम Computer Display पर किसी भी दिशा में घुमा सकते हैं इसके लिये हमें Mouse को समतल सतह पर हाथ की सहायता से चलाना पड़ता है।
Mouse का Use Computer में Graphic बनाने के लिये किया जाता हैं इस Mouse में दो या तीन Mouse Button होते हैं हर Button का अपना अपना अलग कार्य होता है Mouse के नीचे एक रबर की Boll होती है जो की Mechanical Mouse में Use होती है।
ये रबर की Boll जब समतल सतह पर घुमाया जाता है तो Mouse Pointer भी Computer Screen पर चलता हुआ दिखाई देता है जिस प्रकार इंसान के दो हाथ होते है उनसे हम किसी भी चीज को उठा सकता हैं और इधर उधर सरका सकते हैं।
ठीक इसी प्रकार Mouse का भी Computer से Data File और Folder को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए करते हैं तथा इनकी File को इधर उधर Drag करके रख सकते हैं इसमें जो Button होते हैं वो हमारे हाथ की B तरह काम करते हैं।

Mouse Kya Hai?

Mouse एक Input Device है जो Computer के Screen के Pointer या Curser को Control करता है। इस Pointer के जरिये हम Computer के अंदर files, folders और दूसरे सभी Option को खोलने, बंद करने, एक जगह से दूसरे जगह ले जाने, उनकी जानकारी लेने में Use करते हैं।
इन सभी कामों को करने की वजह से इसे Pointing device भी बोलते हैं। कोई भी Computer User इस का Use कर के Computer को instruction देता है की क्या काम करना है। इस तरह ये User और Computer के बीच एक interface की तरह काम करता है। हम Computer के हर हिस्से में इसकी Help से जा सकते हैं।
आज अगर हम बात करें कि इस Device का क्या Role है तो मैं बताना चाहूंगी कि ये इसका एक बहुत ही अहम हिस्सा है। अगर आप कभी कल्पना करें की आपके पास ये Device न हो और सिर्फ Keyboard से  काम करना हो तो आपको कैसा महसूस होगा?
ऐसे में मेरा अनुभव ऐसा रहा जैसे की बस मेरा हाथ बाँध दिया गया हो। आज तो wireless Mouse and Keyboard Market में चलन में हैं। बहुत सारे लोग इस का Use कर के फायदा उठा रहे हैं।
Computer ऐसा Device है जो सिर्फ एक Part नहीं है बल्कि इसके कई सारे Parts हैं। जिस तरह एक इंसान में दिमाग, दिल, हाथ, पैर, आँख, कान, मुंह इत्यादि होता है और सबके लिए एक अलग काम Fix है और हर काम बहुत महत्पूर्ण है, उसी तरह Computer में इंसानो के अंगों के जैसा ही अलग अलग काम के लिए अलग अलग Parts होते हैं।
तो अगर हम कहें कि इंसान अपने हाथ का Use कर के चीज़ों को पकड़ते हैं, उठाते हैं, move करते हैं, पैर का Use कर के एक जगह से दूसरे जगह चल कर जाते हैं। अब आप की बताइये की इस तरह के काम Computer में कैसे करेंगे?
जी हाँ आपने सही समझा Computer के अंदर किसी चीज़ को पकड़ना, उठाना, Move करना इन कामों के लिए ही Mouse का Use करते हैं। ये बिल्कुल Computer के अंदर हमारे लिए हाथ पैर के जैसा काम करता है।

Mouse को Hindi में क्या कहते हैं?

जैसा की हम पहले ही इसके बारे में बात कर चुके हैं की इस Input Device की बनावट बिल्कुल चूहे के जैसी होती है। दो आँख दो Button को represent करते हैं और इसकी पूंछ इसके Wire यानि तार को represent करती है इसीलिए अगर इसे चूहा कहें तो गलत नहीं होगा।

Mouse के प्रकार

वैसे तो को Market में बहुत तरह के Mouse होते हैं और इनके Look, Interface और Connectivity के आधार पर इनको बांटा गया है। Desktop Computer में सबसे ज्यादा आजकल USB Port होने की वजह से Optical Mouse Use किया जाता है। Laptop में इस के रूप में Touch Pad का use होता है तो चलिए जान लेते हैं की इसके विभिन्न प्रकार के बारे में।
Corded:- जिन्हे हम Computer से Connect करने के लिए Cable का Use करते हैं। इस Cable के द्वारा ही device में Power Supply किया जाता है। इसमें इसीलिए External Power की जरुरत नहीं पड़ती है। इस में accuracy Level बहुत High होता है। इसमें Data Transfer होने में किसी तरह की Problem नहीं होती।
Cordless (Wireless ):- जिसे Computer से Connect करने के लिए Cable का Use नहीं किया जाता है। इसमें Cable की जगह Connectivity के लिए Infrared, Bluetooth या Radio Waves का Use होता है। इसीलिए हम इसे Wireless भी बोलते हैं। इसके एक USB Receiver का Use किया जाता है जिसे Computer के USB Port में लगाते हैं और ये Wireless Device से Signal को Receive करता है और काम करता है।
Optical Mouse:- ये light Source का use करते हैं जिसमे LED और Light Detector शामिल हैं जो Surface Related Movement को Light के जरिये Detect करती है। इसके पहले Use होने वाले Mechanical Mouse का ये Standard रूप है। इसमें की Maintenance करने की जरुरत बहुत कम होती है।
Mechanical Mouse:- ये एक ऐसा Input Device होता है जिसके अंदर एक Metallic या फिर Rubber Ball का use होता है। जब अंदर में Ball किसी भी Direction में Move करता है तब इसके अंदर में लगे हुए Sensor इस Movement को Detect कर लेते हैं और Computer के Screen में उसी Direction में Pointer को भी Move करते हैं। इस तरह के ज्यादातर Mobile Corded होते हैं। वैसे ये पहले Use होते थे अब इनकी जगह Optical Mouse ने ले लिया है।

 Mouse कैसे काम करता है?

Friends जब कोई पहली बार इसको काम करते हुए देखता है तो आश्चर्य होता है की आखिर ये हु बा हु जैसा बाहर Move करते हैं वैसा ही Computer Screen में कैसे Move करता है। इसीलिए मन में ये जानने की इच्छा होती है की आखिर ये क्या Technology है जिसकी वजह से ये ऐसा काम करने में माहिर होता है।

Roller Ball  के काम करने का Method

आखिर ये कैसे काम करता है? जब हम Roller को अपने Pad के ऊपर में Move करते हैं तो ये अपनी वजन की वजह से ये लुढ़कने लगता है और इसके Against में लगे 2 Plastic Rollers को धकलेती है जो पतले Wheels से जुडी होती है।
जिन में से एक Wheel ऊपर और निचे (Y- axis) के Movement को Detect करती है और दूसरी Wheel Side To Side Movement को Detect करती है जिसे (X – axis ) Movement भी बोल सकते हैं। अब यहाँ सवाल ये उठता है की ये आपके हाथ के Movement को इतनी Accurately कैसे जान लेता है।
जब आप इस को Move करते हैं तो इससे Rollers Move होते हैं जो एक या फिर दोनों Wheels को Move करते हैं। जब आप Mouse को ऊपर सीधा Move करते हैं तो ये Y-axis का Wheel Move होता है।
वही जब Right Side Move करते  X – axis Wheel Move होता है। लेकिन जब हम किसी Angle या तिरछा Move करते हैं तो फिर दोनों Wheels Move होते हैं। इस तरह से हमे Exact Movement Computer के Screen में नज़र आती है। इस की एक ख़ास बात ये है की हर Wheel एक Plastic Spoke का बना हुआ होता है।
इस  की सबसे बड़ी Problem ये है की इसे हर तरह के Surface में Use नहीं कर सकते हैं। इसके लिए एक Special Pad की जरुरत पड़ती है जिस पर Roller आसानी से Move कर सके।
जब ये Wheel घूमता है तो Light Beam को Break करता है। जितनी बार ये Wheel घूमेगा उतनी बार Beam टूटता है तो जितनी बार Beam टूटता है उसकी शुद्ध गिनती करने से पता चलता है की आपने Pointer को कितनी दूरी तक Move किया है।
Measuring और Counting करने के लिए एक Microchip लगा हुआ होता है  Cable के माध्यम से Computer को सारी जानकारी भेजता है। उसी जानकारी के आधार पर Computer का Software Screen में Cursor को Move करता है।

Optical Mouse के काम करने का Process

ये Roller Ball से बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है। इस तरह में इस के निचले हिस्से में एक LED लगा हुआ होता है जिससे की  Shining Light निकलती है जो सीधे इसके सतह के निचे Desk या Pad तक जाती है। इसके बाद होता ये है की Light desk से टकराकर वापस आती है जो इस के अंदर ही LED के बगल में लगे Photocell तक जाती है।
Photocell के सामने में ही एक lance लगा हुआ होता है जो वापस आ रहे Light को Magnify करता है ताकि Hand Movement को और अच्छे से Detect कर सके। जैसे जैसे आप इस को Move करते हैं Reflected Light का Pattern Change होता रहता है। इसके अंदर लगा हुआ Chip ये पता लगता है की हम अपने Hath से इस को किस Direction में Move कर रहे हैं।
किसी Optical में 2 LED’s लगे हुए होते हैं। एक LED से निचे की तरफ Light Shine करती है जो Desk या फिर Pad तक जाती है। जिससे की Cursor का Movement होता है। दूसरों LED से निकलने वाली Light पीछे की है जिससे ये पता चलता है कि ये काम कर रहा है या नहीं। (Mouse Kya Hai)

Wireless Mouse के काम करने का तरीका

Wireless में काम करने को लेकर कुछ अलग नहीं होता ये भी बाकि की तरह ही हाथ के Movement का पता लगाकर काम करता है। इसमें फर्क सिर्फ ये है की ये Computer तक अपना सारा Data भेजने के लिए Wire या Cable का Use नहीं करते हैं।
इसके लिए Wireless Connectivity का Use करते है। इसके लिए USB Cable की जगह ज्यादातर Bluetooth का Use किया जाता है।
जैसा की आप पहले से ही जानते हैं की USB Cable सिर्फ डाटा ही नहीं बल्कि Power भी लेकर इस तक जाता है जिससे उसे काम करने के लिए पर्याप्त Power मिल जाता है। लेकिन Bluetooth में Cable नहीं होता इसीलिए इसमें Power के लिए इस में Battery का Use किया जाता है।
Battery होने की वजह से इस का वजन बाकियों की तुलना में थोड़ा ज्यादा होता है। इसके अलावा ये बात भी जरुरी है की Bluetooth में Battery की खपत ज्यादा है तो Battery लगातार Change करते रहना पड़ता है।
इस की सबसे बड़ी Disadvantage ये है की इसमें अलग से Battery का Use करना पड़ता है। खासकर Bluetooth के Use होने की वजह से Battery Life ज्यादा नहीं होती। Battery के Use होने की वजह से का वजन भी बढ़ जाता है। (Mouse Kya Hai)

Mouse में कितने बटन होते हैं?

वैसे साधारण तौर पर आप देखेंगे की Mouse में आजकल 3 Button होते हैं और एक Scroll Button होता है। यानि की Scroll में एक Wheel और एक Button होता है। अक्सर हम Left और Right Click के आदि होते हैं।
  1. Left Button
  2. Right Button
  3. Scroll Wheel & Button
Mouse में कितने बटन होते हैं?

 Mouse Pointer के Interface

जब एक User Computer में कुछ काम करता है तो वो इस की motion को कैसे पहचानता है जवाब ये है की ये एक Pointing device होता है इसीलिए इसका एक Pointer हमे Computer Screen में दिखाई देता है।
ये अलग अलग shape का हो सकता है। Symbol या फिर graphical image होता है। इन सभी shapes को हम Mouse Pointer के Name से भी जानते हैं और normally इसे हम cursor भी बोल सकते हैं।
इन्ही के location से हमे इस के द्वारा काम करने में Help मिलता है। खास बात ये है की इस Pointer या cursor अपने काम के अनुसार अपना रूप Change कर लेते हैं। इसके अलावा आप अपने पसंद के Pointer को भी Use में ला सकते हैं।
Normally  ये Computer Screen पर Pointer या cursor जो होता है वो arrow shape में बना होता है लेकिन इसमें एक angle होता है जिससे ये तिरछा नज़र आता है।
ऐसा इसीलिए क्यूंकि पहले low resolution screen होते थे तो तीरछा होने से ये साफ नज़र आता था। आज operating system के अनुसार इनकी shape, size अलग अलग होते है। नीचे आप Pointer के विभिन्न interface को उनके काम के अनुसार देख सकते हैं। (Mouse Kya Hai)

 Mouse का Design

ये बहुत प्रकार के होते हैं और हर design अलग हो सकता है और उसमे Use होने वाले Parts भी अलग हो सकते हैं।
Buttons:- आज कल Use किये जाने वाले लगभग हर Mouse में कम से कम 3 Button तो जरूर होते हैं। एक होता है Left Button और दूसरा होता है Right Button जिसका Use कर हम किसी भी File सारे काम कर लेते हैं। तीसरा होता wheel के साथ का Button जिसे smooth Scroll के लिए Use करते हैं।
Mouse Wheel:- आजकल के Desktop mouse में wheel जरूर लगा हुआ होता है जिससे हम Page में scroll up और scroll down यानि की Page के ऊपर नीचे आसानी से आ जा सकते हैं।
Ball, LED or Laser:- इस के विभिन्न प्रकार में ball या roller का Use किया जाता है जिसे normally हम mechanical mouse के नाम से जानते हैं।और इस प्रकार में Laser या LED का Use होता है उसे हम Optical mouse के Name से जानते हैं। इन roller और LED की वजह से ही हमे Pointer को track करने में Help मिलता है।
Circuit Board:- Left और Right Button द्वारा किये जाने वाला Click, इसके activities की information को computer में input करने के लिए एक circuit board होता है जो की integrated circuit के Use से बनता है।
Cable or Wireless Receiver:- Computer से connect करने के लिए इस में wire दिया जाता है। आज के अधिकतर Device में cable connectivity के लिए USB port दिया हुआ होता है। और अगर आप wireless Device के Use करते हैं तो इसके लिए आपको एक wireless port की जरुरत पड़ेगी। (Mouse Kya Hai)

 Mouse कैसे चलाते हैं – इसके Basic Function क्या हैं?

Friends आज हम Computer Use करते हैं तो एक हाथ हमारा हमेशा इस Device को पकड़ कर रखता है। ये हमारा एक हाथ समझ लें की Computer के अंदर सारे काम पूरा करने में Help करता है। चलिए ये जानते हैं की इस के सामान्य काम क्या क्या हैं:-
  1. cursor या फिर Pointer को Computer को पूरे screen में कहीं भी move करने में इसका Use होता है। आप इस को हाथ से जैसे touch करेंगे और थोड़ा सा भी move करेंगे तो आप computer screen में Pointer को move होते देख सकेंगे।
  2. Computer screen में मौजूद files और folders को select करने के लिए Pointer को उस पर ले जाकर Click कर देते हैं।
  3. इसका Use कर के किसी Software, file या folder को Open कर सकते है या फिर Close कर सकते हैं।
  4. एक location से दूसरे location में files को बिना copy paste किये उसे इससे Click कर के Drag and Drop किया जाता है।
  5. हम किसी लम्बे document को पढ़ने के लिए नीचे जाने के लिए scroll कर के आसानी से जा सकते हैं।
  6. बिना किसी File और document को खोले हुए उस पर Pointer ले जाते ही हमे उसकी जानकारी मिल जाती है।
  7. इस के Right click के माध्यम से किसी object के बहुत सारे कामों को पूरा कर सकते हैं। जैसे Open, Copy, Paste, Cut, Delete, Rename, Properties इत्यादि। (Mouse Kya Hai)

Mouse की विशेषताएं

  1. Mouse में दो या तीन button होते हैं Mouse के button से हम किसी भी webpage पर Click कर सकते हैं Mouse से एक बार Right Click करने पर Menu Bar Open होता हैं उसके अंदर cut, copy, past आदि के Option आते हैं।
  2. Mouse से किसी भी File पर Double Click करके open कर सकते हैं File को select करके उसमें काम कर सकते हैं और File को Drag कर खींच सकते हैं। Mouse को किसी File पर तीन Click करके Paragraph को select कर सकते हैं।
  3. Mouse को Flat surface पर घुमाने से Curser या pointer को किसी भी दिशा में move कर सकते हैं इसकी Help से किसी भी File पर दो बार Click करने से Open कर सकते हैं।
  4. Mouse के ऊपर wheel होता हैं जिसको ऊपर नीचे सरकाने से किसी भी Page को scroll यानी ऊपर नीचे कर सकते हैं इस प्रक्रिया को scrolling कहते हैं।
  5. इसका महत्वपूर्ण कार्य जब हम Mouse pointer को किसी भी File या Folder पर रखने से हमें उस File या Folder की details की जानकारी ले सकते हैं।
  6. Mouse का Use हम किसी भी File या Folder पर Right Click करके जैसे open, copy, cut, past, rename, properties आदि कार्य कर सकते हैं।
  7. Mouse pointer की Help से किसी भी File या Folder को दबाये रहने से उसे एक स्थान से दूसरे स्थान तक खींच कर ले जा सकते हैं।
  8. Mouse के wheel वाले button को अपनी ओर खींचने पर web page को ऊपर की ओर सरका सकते हैं तथा File या web page को नीचे की तरफ सरकाने के लिये wheel को बाहर की तरफ घुमाना पड़ता हैं।
  9. आजकल desktop Computer में ज्यादातर सभी जगह USB port बाले Optical Mouse का Use किया जा रहा है जिसे आसानी से हाथ में पकड़ सकते हैं।

Mouse के विभिन्न Connection Types

Computer से Mouse को Connect करने के लिये Mouse कई प्रकार के ports में आते है। आइये उन विभिन्न प्रकार के Port के बारे में जाने।
PS/2:- Personal System/2 या PS/2 एक port है, जो mouse को computer से connect करने के लिए Use होता है। IBM द्वारा बनाया गया ये Port पुराने personal computer में सबसे अधिक देखने को मिलता है। PS/2 port का Design एक mini DIN plug की तरह दिखता है जिसमे six pin होते है। आज के समय USB connectors ने इन्हें लगभग पूरी तरह से replace कर दिया है। (Mouse Kya Hai)
हालांकि अभी भी कई Computer Motherboard में PS/2 port के लिए अतिरिक्त slot दिए जाते है। पहले के समय ये technology लगभग सभी PC mouse और keyboard में देखने को मिलती थी।
USB:- इनका Design बाकी प्रकार के mice की तरह ही होता है। लेकिन इन्हें computer से connect करने के लिए USB port का Use किया जाता है। सभी peripheral devices के connection को standardize करने के लिए ये port सबसे Useful है। Universal Serial Bus Short में USB, plug and play interface को support करता है।
USB Port hot plugging का समर्थन करते है। इसका मतलब ये है, कि बिना computer को turn off किये आप USB को Connect कर सकते है। आज हम अपने Computers में अधिकतर USB port वाले mice का Use करते है।
Serial Port:- इन mice में Computer से connection स्थापित करने के लिए serial port का Use किया जाता है। ये एक D-type 9 pin male port (DB9M) है, जो दूसरे प्रकार के mouse की तरह ही two dimensional motion का पता लगाने के सिद्धांत पर काम करता है।
Serial port एक physical communication interface होता है। इसके माध्यम से data या जानकारी को bit by bit Computer में In और Out किया जाता है। आज के समय serial port वाले mice अप्रचलित है, क्योंकि इनकी जगह PS/2 और USB mouse ने ले ली।
Wireless Mice:- ये mice Computer से जुड़ने के लिए किसी भी तरह की cable या wire का Use नही करते है। बल्कि ये wireless technology जैसे – Bluetooth, RF, और infrared radio waves के माध्यम से Computer में जोड़े जाते है। ये तकनीक अभी नई है और तेजी से Market में फैल रही है। इसके साथ ही ये आपके Desktop पर Cables की अव्यवस्था को समाप्त करता है। (Mouse Kya Hai)
इन mouse के साथ एक USB receiver आता है, जिसे आप अपने Computer में लगाने के बाद इसे Bluetooth से connect कर Use कर सकते है। इस प्रकार के Mouse को Cordless mouse भी कहते है।
Bus Mice:- वो mice जिन्हें सबसे पहले computer में Use किया गया था। तब इन्हें Bus mice के Name से संदर्भित किया गया। इनका Use उस समय IBM personal computer में किया गया था। इन्हें PC से जोड़ने के लिये विशेष bus interface का Use किया जाता था जिसे ISA add in card के माध्यम से implement किया गया था।

Mouse का Use 

Mouse एक Input Device है, जिसका वास्तविक नाम Pointing Device है। इसका Use मुख्यत: Computer Screen पर Items को चुनने, उनकी तरफ जाने तथा उन्हे खोलने एवं बदं करने में किया जाता है। Mouse के द्वाराा User Computer को निर्देश देता है। इसके द्वारा User Computer Screen पर कहीं भी पहुँच सकता है। (Mouse Kya Hai)

Mouse के बारे में रोचक तथ्य

Computer Mouse के बारे में कुछ Important Facts:-
1) आप जानते है Computer mouse का Name कैसे पड़ा अगर आप एक चूहे को देखे तो उसका size, shape और tail बिल्कुल Mouse से मिलती है। इसलिये इस pointing device को Mouse कहा जाने लगा।
2) क्या आपको पता है, Mouse से पहले सभी Computer text interface का Use करते थे। अर्थात प्रत्येक command को keyboard के द्वारा type करके input किया जाता था।
3) यदि किसी items के ऊपर point करना है तो आपको एक laser light pen को Use में लेना होता था।
4) सबसे पहला Mouse लकड़ी से बनाया गया था, जिसमे एक circuit board और इधर से उधर जाने के लिए दो धातु के पहिये लगे थे।
5) Xerox PARC दुनिया का पहला computer जिसमे Mouse Use किया गया। ये graphical user interface (GUI) को Use करने वाला भी पहला Computer था।
6) Mouse को अक्सर इसके plural, Mice या Mouses नाम से भी पुकारा जाता है। हालांकि इसके Name को लेकर अलग-अलग मत है।
7) यदि आप किसी webpage के tab box पर scroll wheel को press करेंगे तो वह tab close हो जाएगी।
8) Ctrl key को Press रखने और फिर scroll wheel को up और down करने से आप उस webpage को Zoom in and out कर पाएंगे।
9) किसी भी शब्द पर double click करके आप उसे select कर पाएंगे वही three-time click करने से आप पूरे paragraph को select कर पाएंगे।
10) Webpage पर कही भी Scroll wheel पर Click करने से auto scrolling ON हो जाती है। जिसके बाद सिर्फ pointer को ऊपर-नीचे करके Page को Scroll कर सकते है। (Mouse Kya Hai)

Mouse के लाभ

  1.  इनको Desktop Computer के साथ Use करना सबसे अच्छा माना जाता है।
  2. ये Keyboard के साथ मिलकर Data Entry में बहुत Helpful होते है।
  3. इनको आसानी से किसी भी Computer के साथ जोड़ा जा सकता है।

Mouse के नुकसान

  1. इनको आपके Computer के पास काम करने के लिए समतल जगह की जरूरत होती है क्योकि ये सिर्फ समतल जगह पर ही चल सकते है।
  2. कुछ Mouse ऐसे है जो अपनी सटीकता और गति को खो देते है।
  3. अगर Mouse का ज्यादा Use किया जाये तो ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और इससे स्ट्रेन इंजरी होने का खतरा रहता है।

निष्कर्ष

मुझे उम्मीद है कि आपको इस Post में “Mouse Kya Hai? ” और Mouse Kya Hai से Related सभी प्रश्न का उत्तर मिल गए होंगे, लेकिन यदि आपके मन में Mouse Kya Hai से Related कोई प्रश्न हैं, तो आप नीचे Comment कर सकते हैं।

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